पंचायत सचिव के द्वारा लगातार सचिवालय नहीं रहने की वजह से पंचायत का कार्य ठप

कौशलेंद्र कुमार रिपोर्टर
सूरजपुर – जिले के रामानुजनगर जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत भरूहामुड़ा मे पंचायत सचिव के द्वारा लगातार सचिवालय नहीं रहने की वजह से पंचायत का कार्य ठप पड़ गया है। विदित हो की ग्राम पंचायत भरुहामुड़ा के पंचायत सचिव के द्वारा न तो पंचायत भवन नियमित खोला जा न है पंचायत के लोगों के लोगों और जनहित पर विकास कार्य के लिए बनया गया कार्य योजना का संचालन धरातल पर नहीं कर पा रहा है जिससे यहां का विकास अधर मे लटका हुआ है। उल्लेखनीय है की पंचायत सचिव के द्वारा लगातार अनुपस्थित रहने से कई तरह की योजनाओ से वंचित हों रहे हितग्राहियों ने यह आरोपलगा बताया की वर्तमान समय मे महतारी वंदन योजना से वंचित हों चुके, वहीं कई तरह की, पेंशनधारियों को भी परेशानी हों रही, जन्ममृत्यु प्रमाण पत्र सहित आवश्यक कार्यों के लिए भी सचिव के द्वारा कार्य नहीं किया जाता है, और शासन द्वारा उन्हें नियमित मानदेयभुगतान कर दिया जा रहा है, जबकि गांव के सरपंच सहित पंचो और ग्रामीणों ने इस संबंध मे कलेकटर, जिला पंचायत एवं जनपद केसीईओ से लिखित शिकायत करते हुए उक्त सचिव के विरूद्ध वैधानिक कसर्यवाही की मांग किया गया, तथा ग्रामीणों ने सचिव कोकिसी अन्य पंचायत में स्थातरण की भी मांग किया लेकिन जिला प्रसाशन द्वारा आज तक उक्त सचिव के विरूद्ध न तो कार्यवाही हुई न उसका स्थातरण ही किया गया, जिसमें सचिव हिटलरशाही और अपने को ऊंचा पकड़ का हवाला देकर मनमानी तरीके से ग्राम पंचायत के निर्माण कार्य को बहिष्कार कर तरपर चलाया जा गरूकता कार्यक्रम ता कार्यक्रम योगिता रहा है जिससे गांव मे जनहित संबंधित सहित नीजी लाभ न तो महिलाओं को मिल पाता न ही औरकिसी को। मुलभुत एवं पंद्रहवा वित्त योजना के तहत कार्य योजना मे संधारित कार्य विगत दो वर्षों से अपूर्ण है, न नाली बना, न सीसी सड़क, न हेंडपम्प न ही टूटे हुए पाईप पुलिया न स्कूल मे सुरक्षा हेतु अहाता निर्माण कराया गया है, संयुक्त हास्ताक्सर के अभाव मे विकास कार्य ठपहै सरपंच सचिव के आपसी समान्यजस नहीं होने के कारण न तो राशि आहरण होता है न ही गांव मे विकास कार्य हों पा रहा है, जिसकीशिकायत सरपंच व पंचो ने किया है लेकिन सचिव के हिटलर शाही नीति के कारण गांव मे सम्पूर्ण कार्य प्रभावित हों चूका जिससेआलम यह है की गांव मे कई हेंड पम्प खराब हों गया लेकिन पैसा आहरण मे हों रहा दिक्कत के कारण ग्राम पंचायत के लोगों ने अपनीगुहार लगाई लेकिन उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी आलम वहीं है, अधिकारियों के संरक्षण से सचिव अपनी हिटलरशाही चला रहे पंचायत मे जिससे गांव के समस्त विकास कार्य ठप है, जिम्मेदार अधिकारी न सचिव के विरूद्ध कसर्यवाही करते न हीउसका स्थातरण. जिससे सचिव अपने मनमानी तरीके से पंचायतों की कार्यों मे रूचि नहीं लेता और हर माह नियमित रूप से अपना मासिक वेतन ले रहालेकिन इस पर जनपद शीर्ष अधिकारी चुप्पी साध लिए है, ऐसे मे गांव के लोगों के मन मे अधिकारियो के प्रति काफी आक्रोश देखाजा रहा है, कब सचिव का स्थातरण किया जाएगा, और कब तक जनहित और नीजी ग्रामीणों का नीजी कार्य कराया जायेगा यह एकबड़ी विडंबना है।