महिला ने काम के एवज में तहसील कार्यालय के बाबू पर लगाया 25 हजार रिश्वत मांगने का आरोप

कलेक्टर से शिकायत कर महिला ने की कार्यवाही की मांग

सूरजपुर। एक महिला ने तहसील के एक बाबू पर काम के एवज में 25 हजार रुपये रिश्वत मांगने और रिश्वत नहीं देने पर लम्बे समय तक राजस्व प्रकरण की फाइल दबाकर रखने तथा आदेश की जानकारी नहीं देने व पूछने पर गाली गलौज देने का आरोप लगाते हुए उक्ताशय की शिकायत कलेक्टर से कर जांच व कार्यवाही की मांग की है। ग्राम पचिरा की महिला कुंजकुमारी यादव पिता स्व०दीपनारायण यादव ने कलेक्टर को दिए गए शिकायत पत्र में बताया है कि इसका छोटा भाई कुनमन यादव अपनी पत्नी,शिवलोचनी के नाम पर फर्जी वसीयतनामा बनवाकर नामांतरण के लिये तहसीलदार सूरजपुर के समक्ष आवेदन पेश किया था।जिसमें मैंऔर मेरी मां वअन्य पक्षकार थे। उक्त नागान्तरण प्रकरण का,राजस्व,प्रकरणक्र0202302260600001/306 12022-23 शिवलोचनी प्रति जगदीश वगै० है। हमारी ओर से तहसीलदार के समक्ष जवाब पेश कर गवाही से पहले तहसीलदार के आदेशानुसार दिनांक-03.05.2023 को प्रारंभिक लिखित तर्क पेश करके यह बताया गया था कि वसीयत के आधार पर नामांतरण की कार्यवाही न किया जाए इसे व्यवहार न्यायालय से निराकृत कराया जावे। लिखित तर्क पेश करने के बाद प्रकरण आदेश हेतु नियत किया गया था। लम्बे समय तक हमलोग आदेश का पता लगाते रहे, लेकिन न्यायालय में यही बताया गया कि अभी आदेश नहीं हुआ है। तहसील न्यायालय का बाबू जुगेश्वर राजवाड़े माह जुलाई 2023 में मुझसे बोला कि 25 हजार रूपये दे दो तुरंत आदेश करा दूंगा। इस बात की मौखिक शिकायत मैंने तत्कालीन तहसीलदार वर्षा बंसल से की थी तब वे राजवाड़े बाबू पर नाराज हुई थी। महिला ने बताया कि वे तहसील न्यायालय सूरजपुर जाकर लगातार आदेश का पता लगाती रही लेकिन जुगेश्वर राजवाड़े बाबू न तो पेशी तारीख बताता था और न ही आदेश की जानकारी देता था। पूछने पर कहता था अधिकारी से पूछो तब हमलोग फिर से माह नवम्बर में तहसीलदार महोदया से मिलकर आदेश का पता किये तब उन्होंने कहा कि आदेश हो गया है और नामांतरण आवेदन खारिज कर दिया गया है, जुगेश्वर राजवाड़े बाबु से पता कर लो। जिसके बाद कई बार जुगेश्वर राजवाड़े बाबू से मिल कर आदेश दिखाने के लिये बोले लेकिन वे यही कहते थे कि तहसीलदार मैडम के बंगले पर फाईल है, मिलने पर आदेश दिखा दूंगा। दिनांक 05.03.2024 की सुबह मेरा छोटा भाई कुनमन शराब पीकर मेरे यहां आया और हमलोगों को गाली देने लगा बोला घर और जगीन खाली करो मेरी पत्नी केस जीत गयी है। अब तुमलोग को यहां नहीं रहने दूंगा। तब मैं दोपहर बाद सूरजपुर तहसील न्यायालय जाकर जुगेश्वर राजवाड़े बाबू को बोली कि आप कहते है, आदेश नहीं हुआ है और मेरा भाई कुनमन कहता है कि आदेश हो गया है। तब राजवाड़े बाबू फाईल दिखा कर बोला कि वसीयतनामा के आधार पर शिवलोचनी का नामांतरण कर दिया गया है। तब मैंने कहा कि पूर्व तहसीलदार महोदया ने कहा था कि नामांतरण खारिज कर दिया गया है। तब आपने हमलोगों को फाईल नहीं दिखाए और लगभग 8-9 महीना तब हमलोग को प्रकरण की जानकारी भी नहीं दिये और न ही नोटिस दिये न तो हमलोगों को गवाही का मौका दिया गया फिर आदेश कैसे हो गया। यह सुनकर जुगेश्वर राजवाड़े बाबू बोला हरामजादी भाग यहां से नहीं तो पुलिस बुलवाकर पिटवाउंगा और जेल भेजवा दूंगा। जुगेश्वर राजवाड़े बाबू द्वारा मेरे साथ अभद्र व्यवहार करने पर मुझे बुरा लगा और मैं उसी समय अपने छोटे भाई सौकीलाल के साथ थाना सूरजपुर में शिकायत की लेकिन मेरी रिपोर्ट नहीं लिखी गई और पुलिस ने मुझसे कहा कि तहसीलदार के न्यायालय का मामला है,जाओ कलेक्टर महोदय से शिकायत करो ऐसा कहकर मुझे लौटा दिये।

जुगेश्वर राजवाड़े बाबू के मिलि भगत से हमको सुनवाई का अवसर दिये बिना वसीयत के मामले में सुनवाई का अधिकार न होने के बावजूद गवाही का अवसर दिये बिना आदेश पारित कराया गया है जो हमारे साथ अन्याय है। महिला ने जांच पश्चात बाबू जुगेश्वर राजवाड़े के विरुद्ध दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग की है।

 

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