डाक्टर से मारपीट के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार पुलिस की कार्यप्रणाली से अस्पताल की व्यवस्था पर असर

सूरजपुर,।पर्री में हुए दो पक्षो में मारपीट के बाद मनमाफिक डाक्टरी रिपोर्ट के चक्कर डाक्टर के साथ हुई मारपीट व उसके बाद
पुलिस की भूमिका को लेकर अस्पताल कर्मियों में भारी रोष है।
यही वजह है कि पिछले तीन दिनों से अस्पताल कर्मियों को बार बार सड़क पर उतरना पड़ रहा है।शुक्रवार को दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी अस्पताल कर्मी कोतवाली परिसर में धरने पर बैठ गए तब पुलिस गिड़गिड़ाती नजर आई और जैसे तैसे मामला शांत कर पुलिस ने इज्जत बचाया। होली के दिन नगर सीमा से लगे ग्राम पर्री में कुछ मनचलो के बीच आपस मे
मारपीट हो गई। जिसकी शिकायत लेकर दोनों पक्ष थाने पहुँच
गए और पुलिस ने आहतों का मुलायजा कराने अस्पताल गई तो वहां दूसरे पक्ष के आरोपी पहुँच गए और डियूटी में तैनात डाक्टर अनीश पर यह दबाव बनाने लगे कि रिपोर्ट उनके मुताबिक बनाये।इसे लेकर डाक्टर से बकझक हुई और फिर यहाँ मनचलो ने रंगदारी दिखाई और डॉक्टर की पर्ची आदि फाड़ते हुए उन्हें पिट दिया। जिससे अस्पताल में रोष फैल गया देखते देखते समस्त स्टाप कामधाम बन्द कर घटना का विरोध करने लगे।पीड़ित डाक्टर थाने पहुँचे तो यहाँ पुलिस की नौटेंकी शुरू।हालत यह थी कि देर रात किसी तरह रिपोर्ट दर्ज हुई।इधर अस्पताल में मरीज हलाकान थे।पुलिस ने मामले में दो नामजद सौरभ जिंदिया व नीरज जिंदिया सहित कुछ अन्य के खिलाफ धारा 294,506,353,323,186, 34 व एक्ट्रोसिटी
3,1 का जुर्म दर्ज कर लिया है,।गिरफ्तारी की मांग और काली पट्टी
गुरुवार को डाक्टरो ने एकजुटता दिखाई तथा अस्पताल परिसर में जुटे और पूरे दिन काली पट्टी लगा कर शक्ति प्रदर्शन करते आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की साथ ही अस्पताल परिसर में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने को कहा।डाक्टरो ने स्पष्ठ कर दिया था कि 24 घण्टे के अंदर आरोपी गिरफ्तार नही हुए तो बेमियादी हड़ताल पर चले जायेंगे। इससे सकपकाई पुलिस ने
हाथ पैर मारना शुरू किया।
दो गिरफ्तार फिर भी थाना परिसर में अनशन
शुक्रवार को पुलिस ने दो नामजद आरोपियों को हिरासत में ले लिया। बताया गया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पीड़ित डॉक्टर को थाने बुलाया गया लेकिन जब डाक्टर पँहुचे तो पुलिस के अफसरान उनसे पुलिसिया अंदाज में तुम ताम करने लगे इसकी जानकारी जब अन्य साथियों को लगी तो अस्पताल कर्मी भड़क गए।तत्काल आनन फानन में अस्पताल कर्मी फिर एक जुट हुए और जिला अस्पताल से पैदल मार्च करते थाना परिसर पहुँच कर थाना परिसर में ही धरने पर बैठ गए
कोतवाली परिसर में जैसे ही अस्पताल कर्मी धरने पर बैठे वैसे ही एसडीओपी प्रकाश सोनी पहुँच गए और वे भी जमीन में ही बैठ कर अस्पताल कर्मियों से बात करने लगे तो बात ड्रेस तक पहुँच गई दोनों ओर से यह बात हुई कि न हम ड्रेस में न आप ड्रेस में..?खैर,अस्पताल कर्मियों ने डाक्टर से अपमानजनक व्यवहार,आरोपियों को वीआईओपी ट्रीटमेंट जैसे सवालो को लेकर पुलिस को घेरा तो पुलिस मिमियाते नजर आई। हालांकि, एसडीओपी प्रकाश सोनी ने बाद में मामले को सम्हाला और अस्पताल कर्मियों को समझा बुझा कर शांत कराया तब वे
वापस हुए।
पहले हुई मारपीट का क्या…?
डाक्टरो की इस लामबन्दी में उनके मामले में तो पुलिस ने कार्रवाई कर दी पर उसका क्या हुआ जिस मारपीट की घटना के बाद मुलायजा के चक्कर मे यह घटना हुई।इस मामले में पुलिस अभी चुप्प है।उसे इंतजार है कि इस मामले में पर्री के पीड़ित लोग हंगामा करें तो फिर कार्रवाई करें…! यहां पदस्थ पुलिस अफसर यूँ तो छोटी मोटी कार्रवाई को लेकर ऐसे अपनी पीठ थपथपाते है जैसे बहुत बड़े तीरंदाज है पर जब बात साफ साफ कार्रवाई की आती है तो फिर पुलिस का अंदाजेबयां ऐसी होती है कि साफ झलकता है कि पुलिस की हालत जिले में क्या है और फिर पुलिस की छवि कैसी है…यह किसी से छिपती नही है…?