समाज के विकास के लिए गांव को होना चाहिये एकजुट- प्रचार्य

सूरजपुर – द फाँलो न्यूज
सूरजपुर – शासकीय उत्तर माध्यमिक विद्यालय कन्दरई की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा ग्राम पेन्डरखी में आयोजित सात दिवसीय विशेष ग्रामीण शिविर में आयोजित संध्याकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम के चौथे दिन के मुख्य अतिथि डॉक्टर एच. एन .दुबे प्राचार्य शासकीय रेवती रमण स्नातकोत्तर महाविद्यालय सूरजपुर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर अनिल चक्रधारी कार्यक्रम के अध्यक्षता प्रोफेसर जीबी मिश्रा जिला संगठन राष्ट्रीय सेवा योजना जिला सूरजपुर थे। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा मां सरस्वती व स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र के समक्ष दीपप्रज्वलन व माल्यार्पण कर किया गया । रासेयो स्वयंसेवकों द्वारा स्वागत गीत, लक्ष्य गीत, सरगुजा का पारंपरिक नृत्य करमा, सुआ ,नशा मुक्ति पर नाटक सहित अन्य आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुती दी गई। कार्यक्रम अधिकारी राजीव कुमार सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन व शिविर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रोफेसर अनिल चक्रधारी ने ग्रामीण जनों से नशा की बुराइयों पर चर्चा करते हुए नशे से दूर रहने की अपील की उन्होंने कहा कि हम जो भी काम करते हैं उसे करने से पहले हम अपने आप से पूछे कि क्या वह काम सही है या गलत अगर हमारी अंतरात्मा उसे गलत कहती है तो हमें वह कार्य नहीं करना चाहिए। जिला संगठन प्रोफेसर मिश्रा ने कहा कि समाज के विकास के लिए समाज का एकजुट होना बहुत आवश्यक है, जब तक हम एक झुंड नहीं रहेंगे तब तक गांव का विकास नहीं होगा। राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व के विकास का सबसे बेहतर मंच है। प्राचार्य डॉक्टर एच. एन. दुबे ने कहा कि आज समाज के प्रति संवेदनशील होना बहुत आवश्यक है लोगों में व्याप्त संवेदनहीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा की राष्ट्रीय सेवा योजना स्वयं सेवकों के आंतरिक प्रतिभाओं को बाहर लाने एवं उन्हें निखारने का काम करता है। उन्होंने स्वयंसेवकों का आह्वान करते हुए कहा कि वह राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान देते हुए समाज के प्रति संवेदनशील बने। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ स्वयंसेवक मानिकचंद सारथी एवं आभार प्रदर्शन सहायक कार्यक्रम अधिकारी उर्मिला सिंह ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में शंकर देवांगन पंकज प्रजापति ,अंजू, कुसुम, यमुना सिंह ,सुमेधा सिंह, सुनीता, सरिता, खुशबू, जयनाथ, प्रमोद, सिकंदर, अनिरुद्ध ,कवित्री,
देवनंदन, मृगेंद्र, मनीषा, चंदा,गुलाबी,पद्मावती,अनिल, तुलेश्वरी,पूर्णिमा,सोनकुवंर ,सतिमा,खुशी,पूजा,किरण, शशिकला,लतावती,देवती सहित अन्य स्वयंसेवक व विशाल संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।